Gunjan Kamal

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घाट घाट का पानी पीना




*# घाट घाट का पानी पीना* 


सौम्या को आखिरकार एक दिन अपने घर पर फोन करने का मौका मिल ही गया। रितेश उस दिन जल्दबाजी में अपना दूसरा फोन ले जाना भूल गया था और मौके की ताक में हमेशा रहने वाली सौम्या ने रितेश के जाते ही अपनी बहन के फोन पर विडियो कालिंग की थी।  

"दीदी! आज छ: महीने बाद तुम्हें देखकर कितनी खुशी हो रही है उसका अंदाजा तुम नहीं लगा सकती हो।कितनी बार तुमसे बात करने की कोशिश की लेकिन बात हो‌ ही नहीं पाई। जीजा जी को भी फोन किया था लेकिन उन्होंने भी आप से मेरी बात नहीं कराई।अभी जीजाजी के मोबाइल का नंबर देखा तो मैं खुशी से उछल पड़ी यह सोच कर कि जीजा जी ने आज आपसे ही बात कराने के लिए मुझे इतने दिनों बाद फोन किया है। अरे! मैं तो पागल ही हूॅं। बकबक ही करती जा रही हूॅं आपके बारे में कुछ पूछा भी नहीं। दीदी! आपकी तबीयत ठीक नहीं है क्या?  कितनी कमजोर दिख रही हो आप? ठीक तो हो ना?" सौम्या ने अपने मुंहबोली बहन करुणा से कहा। 

"मैं ठीक नहीं हूॅं सौम्या। जिसे तुम अपना जीजा जी कह रही हो और मैं अपने घरवालों से हमेशा के लिए नाता तोड़कर जिसके लिए घर छोड़कर भाग आई थी उसने तो मुझे कहीं का भी नहीं छोड़ा। मेरा फोन भी अपने पास ही  रखता है ताकि मैं किसी से बात ना कर सकूं। आज तो गलती से उसका यह फोन घर पर ही रह गया और मेरी नजर उस पर पड़ गई तब मैंने तुम्हारा नंबर निकाला और अभी तुमसे बात कर रही हूॅं। मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है जैसे ही उसे मालूम पड़ेगा कि उसका फोन उसके पास नहीं है वह फोन लेने आ जाएगा इसलिए मैं तुम्हें वीडियो कॉलिंग कर रही हूॅं ताकि तुम मेरी हालत देख सको और यह देखो चारों तरफ से मुझे उसने इस घर में बंद कर रखा है। खिड़की दरवाजे कहीं से भी कोई भी चीज खुली नहीं है और आसपास वाले भी इसका विरोध नहीं करते हैं क्योंकि उसने सबको अपनी बातों में फंसा कर रखा है। इन छः महीनों में उसने मुझे इतना बदनाम कर दिया है कि लोग मेरी शक्ल तक देखना पसंद नहीं करते हैं। मैं तुम्हें सब कुछ बताऊंगी लेकिन मुझे इस नर्क से निकालो सौम्या।" करुणा ने रोते हुए सौम्या से कहा। 

"दीदी! आप मुझे खुलकर सारी चीजें बताओ मैं आपसे वादा करती हूॅं कि उस नर्क से मैं आपको निकालूंगी।" सौम्या ने अपनी बहन करूणा को ढांढ़स बढ़ाते हुए कहा। 

"रितेश ने अपने फायदे के लिए मुझे अपने प्यार के जाल में फंसाया था लेकिन जब मैं उसकी नीयत जान गई और उसका विरोध करना मैंने शुरू किया तब उसने जानबूझकर आस - पड़ोस में यह बात है फैलानी शुरू कर दी कि मैंने मर्दों के मामले में घाट - घाट का पानी पिया हुआ है। 

 रितेश ने मुझसे आज तक शादी नहीं की है लेकिन अपने नाम की मंगलसूत्र और सिंदूर लगाने के लिए मुझसे  कहता रहता है और तो और रोज किसी ना किसी अनजान मर्द को लाता है और मुझसे गंदा काम करवाता है। पहले तो मैं भी इस उम्मीद में कि मेरा प्यार उसे एक न एक दिन मेरे करीब लाएगा ही और वह मुझे अपना लेगा, ऐसा सोच कर मैं वह सब करती गई जो वह चाहता था। मैं उसकी हर बात मानी लेकिन अधिक पैसे कमाने के लिए वह अपने दोस्तों और अनजान मर्दों को भी मेरे पास लाने लगा था जिसका मैंने विरोध करना शुरू किया भी था। पहले तो उसने मुझे डरा - धमका कर वह काम करवाना चाहा लेकिन जब मैं किसी तरह नहीं मानी तब उसने तुम लोगों को जान से मरवाने और समाज में मेरी बदनामी कर तुम सबकी  इज्जत उछालने की बात कहकर मुझे चुप करा दिया।   मैंने अपने घर से भागकर बहुत बड़ी ग़लती की है अब तुम से विनती है कि मुझे इस नर्क से बाहर निकालो।" करुणा ने रोते हुए सौम्या से कहा।

"आपकी किस्मत उतनी भी खराब नहीं है जितनी आप समझ रहे थे। मुझे पहले यह संदेह हो गया था कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है जिसके कारण तुम से मेरी बात हो ना हो नहीं पा रही है इसीलिए मैं थाने आई थी और इंस्पेक्टर साहब से बातें कर ही रही थी कि आपका फोन आ गया। मेरे साथ-साथ इंस्पेक्टर साहब ने भी आपकी बातें सुनी है। अब बस आप जल्दी से जहां रहती हो उसका पता बता दो हम तुरंत ही वहां पहुंचते हैं।" सौम्या ने कैमरा इंस्पेक्टर साहब की तरफ करते हुए कहा। 

करुणा ने उस जगह का पता बता दिया जहां वह पिछले एक साल से  नर्क भरी जिंदगी जी रही थी। सौम्या पुलिस इंस्पेक्टर के साथ उस जगह पर पहुंची और उसने पुलिस की मदद से करुणा को वहां से आजादी तो दिला दी साथ ही रितेश को उसे भगाकर वेश्यावृत्ति के दलदल में लाने की कोशिश करने के आरोप में पुलिस के हवाले भी  कर दिया । 



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                                             धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻


गुॅंजन कमल 💗💞💓

# मुहावरों की दुनिया


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5 Comments

Mahendra Bhatt

19-Feb-2023 09:04 PM

बहुत खूब

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शानदार

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अदिति झा

17-Feb-2023 10:38 AM

Nice 👍🏼

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